जिंदगी बन आये तुम .... ६/१/१६

जिंदगी बन आये तुम  .... ६/१/१६

आया जिंदगी में और तुरंत नामकरण किया गया |
पता नहीं था धरम भी जो था मुझे दिया गया |
बस आंचल मां का एक लेकर जिंदगी बन आये तुम  ....

नहीं पुछा जालीम किसीने क्या करोगे तुम अब आगे |
तुम बनो ये, बनो वो कि रट लगाये घोडे थे सबके भागे |
करो बेटा जो है करना बोल पापा जिंदगी बन आये तुम  ....

जाता स्कूल तो लगे पुछ्ने जात पात का अलग सवाल |
खाऊ क्या, क्या ना खाऊ इस पर भी हरदम मचता बवाल |
कोई नहीं, मै हुं ना, बोल टीचर जिंदगी बन आये तुम  ....

मिले कुछ दोस्त नये से जिंदगी बनी वही पुंजी एक छोटी |
बांटे दुख सुख हसे रोये और बेशक खिलायी झुठी  रोटी |
अपनो से भी बढकर बन जिंदगी बन आये तुम  ....

बने वो रूप अचानक से तेरा ए खुदा जो सदा साथ रहे  |
कुत्ता कमिना ढोर ढोबला और पता नही क्या क्या कहे |
दे दे कर गालीया सुधारने मुझे जिंदगी बन आये तुम  ....


रहे साथ साथ और प्यार प्यार ना हलकीसी तकरार |
कोई कहे लब्ज एक खिलाफ ,हो जाये गुंजती ललकार |
दिल दोस्ती दुनियादारी समझाने जिंदगी बन आये तुम  ....

देखी पिक्चरे, गाणे गाए, नाचे भी सुद्बुध खोये हुये |
हुई नम आंखे याद में बीती राते कितनी कभी रोये हुये  |
यादो मी भी याद बनकर जिंदगी बन आये तुम  ....

--- सचिन गाडेकर





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