साल एक शुरुवात अनेक ...
साल एक शुरुवात अनेक ...
हुआ पूरा अपेक्षाओंसे भरा, नमो नमो भरा एक साल |
ना आयी ज्यादा खुशहाली, और ना मै हुआ कुछ बदहाल |
दिखी पूरी कोशिश भी तेरी, चाहा तुने बदलना देश |
थोडे थोडे हम बदले तुमने चढाये कभी लाखो के भेष |
दिखा डंका देश विदेश में तेरा, हमने बेशक मेहसूस गर्व किया |
अच्छा ही लगा डील न्यूक्लियर को, तुने अंतिम आयाम दिया |
हुआ थोडा स्वच्छ घाट पाठ, कही पर दिखा हमे भारत निर्माण |
बडी सजगता दिखी हमे, हो भूकंप और कोपी वरुण भगवान |
ले आये बडी बहादुरी तुम से येमेन, नेपाल की मुसिबतो से लोग |
था कर्नल भी सराहनीय तब, थी दिखायी हिम्मत भी अमोघ |
तुम घूमते रहे दुनियाभर मांगते, Make In India का वरदान |
अच्छा लगा जब सुकन्या बनी, हुआ भविष्य कूछ तो बेटी के नाम |
थोडी निराशा हमे भी हुई है, देखकर आपका ये भूमी अधिग्रहण |
क्या छुपा है विकास सही या बस. उजाड रहो हो हराभरा चमन |
कोयला भी अब मुक्त लग रहा, बढा है कहते हो आपही उत्पाद |
आये उद्योग भरभर सारे, और हो पूर्ती तभी मै मानू बात |
सच है हमे मिला पेट्रोल सस्ता, नसीब ही सही बडा अच्छा था |
लाना नीती आयोग तेरा, कदम दिल से अलग से सच्चा था |
हमे अब भी आस है थमे आत्महत्या, उस गरीब किसान की |
पहुंचे दर्द-ए-आवाज तुझ तक सही में, उस धरती के भगवान की |
साल एक वादो में गया, मै नही निरुत्साहीत ना ही हुआ निराश |
आयेंगे दिन और अच्छे नमो, बस रखता हू ये मन में विश्वास |
- सचिन गाडेकर
हुआ पूरा अपेक्षाओंसे भरा, नमो नमो भरा एक साल |
ना आयी ज्यादा खुशहाली, और ना मै हुआ कुछ बदहाल |
दिखी पूरी कोशिश भी तेरी, चाहा तुने बदलना देश |
थोडे थोडे हम बदले तुमने चढाये कभी लाखो के भेष |
दिखा डंका देश विदेश में तेरा, हमने बेशक मेहसूस गर्व किया |
अच्छा ही लगा डील न्यूक्लियर को, तुने अंतिम आयाम दिया |
हुआ थोडा स्वच्छ घाट पाठ, कही पर दिखा हमे भारत निर्माण |
बडी सजगता दिखी हमे, हो भूकंप और कोपी वरुण भगवान |
ले आये बडी बहादुरी तुम से येमेन, नेपाल की मुसिबतो से लोग |
था कर्नल भी सराहनीय तब, थी दिखायी हिम्मत भी अमोघ |
तुम घूमते रहे दुनियाभर मांगते, Make In India का वरदान |
अच्छा लगा जब सुकन्या बनी, हुआ भविष्य कूछ तो बेटी के नाम |
थोडी निराशा हमे भी हुई है, देखकर आपका ये भूमी अधिग्रहण |
क्या छुपा है विकास सही या बस. उजाड रहो हो हराभरा चमन |
कोयला भी अब मुक्त लग रहा, बढा है कहते हो आपही उत्पाद |
आये उद्योग भरभर सारे, और हो पूर्ती तभी मै मानू बात |
सच है हमे मिला पेट्रोल सस्ता, नसीब ही सही बडा अच्छा था |
लाना नीती आयोग तेरा, कदम दिल से अलग से सच्चा था |
हमे अब भी आस है थमे आत्महत्या, उस गरीब किसान की |
पहुंचे दर्द-ए-आवाज तुझ तक सही में, उस धरती के भगवान की |
साल एक वादो में गया, मै नही निरुत्साहीत ना ही हुआ निराश |
आयेंगे दिन और अच्छे नमो, बस रखता हू ये मन में विश्वास |
- सचिन गाडेकर
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