बस याद करता रहता हूँ


I wrote this for lovely city Pune ...
बस याद करता रहता हूँ
वो धुन्धालिसी सुबह , सुबह की जल्दबाजी
जल्दबाजी की राइड , वो राइड की आदत।
.. बस याद करता रहता हूँ

वो लम्बे लम्बे सिग्नल, सीग्नल की भीड़
भीड़ के लोग , वो लोगों की आदतें।
.... बस याद करता रहता हूँ

वो फर्गुसन का रास्ता , रास्ते की दुकानें
दुकानों की चकाचोंध , चकाचोंध का नजारा
.... बस याद करता रहता हूँ

वो मॉल सी तुळशीबाग , बाग़ की वो दुकानें
दुकानों की वैरायटी , वैरायटी की वारंटी
.... बस याद करता रहता हूँ

वो रंगीले मल्टीप्लेक्स, मल्टीप्लेक्स के मूवीज
मूवीज की मस्ती , वो मस्ती का मिज़ाज
.... बस याद करता रहता हूँ

वो ऊँचीसी पर्वती , पर्वती क़ी चढ़ान
चढ़ान की थकान , वो थकान का सुकून
.... बस याद करता रहता हूँ

वो मशहूर सा सिंहगड , सिंहगड का इतिहास
इतिहास के पन्नें , पन्नों में तान्हाजी
.... बस याद करता रहता हूँ

वो ABC चौक , चौक के बुक्स
बुक्स के डिस्कोउन्ट्स, वो डिस्कोउन्ट्स की खुशी
.... बस याद करता रहता हूँ

वो इंटेलेक्चुअल सेमिनार्स, सेमिनार्स का ट्रीट
ट्रीट्स का मस्त खाना, खाने में ग्यांन पचाना
.... बस याद करता रहता हूँ

बहुत कुछ सारा , सारा खूब नजारा
नजारा से किनारा , किनारा यूं हमारा
.... बस याद करता रहता हूँ

to be continued......

Comments